
इल्या कामिन्स्की की कविता
और जब वे दूसरों के घरों पर बम बरसा रहे थे,हमने विरोध तो किया, लेकिन पर्याप्त नहीं.हमने उनका विरोध किया, लेकिन पर्याप्त नहीं.मैं अपने बिस्तर में था,मेरे बिस्तर के इर्द-गिर्द अमेरिका भहराकर गिर रहा था :अदृश्य मकान-दर-अदृश्य मकान-दर-अदृश्य मकान.मैंने घर के बाहर कुर्सी रखी और सूरज को देखता रहा.तबाही मचानेवाली