

Welcome note

अपने बारे में कुछ लिखना मेरे लिए बेहद मुश्किल काम है। जब कभी ऐसा अवसर आता है, मैं देर तक कंप्यूटर की ख़ाली स्क्रीन को घूरता रहता हूँ। तब समझ नहीं आता, क्या कहूँ, कहाँ से शुरू करूँ? ख़ुद के बारे में कहने के लिए क्या सच में मेरे पास कुछ है? और जो थोड़ा-सा कुछ है, क्या उसे कहना ज़रूरी है?
यह सब सोचते-सोचते अक्सर, बिना कुछ लिखे ही, मैं थक जाता हूँ और कंप्यूटर बंद करके अपने किसी प्रिय लेखक की किताब में डूब जाता हूँ।
मेरी ज़िंदगी दूसरों से बनी है, इसमें ख़ुद मेरा होना बहुत कम है। इसीलिए मैंने अपनी एक किताब का शीर्षक रखा था – न्यूनतम मैं!
फिर भी, मैं उन चीज़ों का ज़िक्र करूँगा, जिनसे मैं प्रेम करता हूँ - अपने परिवार से, दोस्तों से, और हाँ, अपने पाठकों से भी! मुझे पुस्तकों और पौधों के बीच रहना अच्छा लगता है। जब मैं कुछ नहीं कर रहा होता, अपने पौधों की गुड़ाई, निराई, सिंचाई करता हूँ। उन्हें बड़ा होते देखता हूँ। इन पौधों और फूलों के कारण मेरे यहाँ भाँति-भाँति की चिड़ियाँ आती हैं। मंत्रमुग्ध-सा उन्हें देखता और सुनता हूँ।
ज़्यादातर लोग छोटे शहरों से बड़े शहरों की ओर जाते हैं, लेकिन मैंने अपनी यात्रा उल्टे चलकर तय की है। मैं मुंबई में जन्मा, पढ़ाई-लिखाई, परवरिश, प्यार-मुहब्बत, शादी सबकुछ वहीं की और 23 की उम्र में रोज़गार के कारण मध्य और उत्तर भारत के छोटे शहरों की ओर चला आया। ऐसे कहूँ कि मैं समंदर के शहर में जन्मा और नदियों के शहरों में पहुँच गया। दसेक जगह रहने के बाद कुछ बरसों से अब भोपाल में हूँ।
मेरी कई किताबें प्रकाशित हैं, जिनका विवरण नीचे औपचारिक बायोडेटा में मिल जाएगा, लेकिन अपनी वेबसाइट के इस दोस्ताना वेलकम नोट में यह ज़रूर कहना चाहूँगा कि लिखना मेरे लिए प्राणवायु की तरह है। मेरे प्रिय लेखकों और प्रिय किताबों ने मुझे कई बार उबारा है।
मेरे पास सपने हैं, लेकिन फूहड़ महत्वाकांक्षाएँ नहीं हैं। मुझे ज़्यादा कुछ नहीं चाहिए। मैं चाहता हूँ कि उम्र पूरी होने तक, मैं चार सुन्दर पंक्तियाँ लिख लूँ। जब मैं मरूँगा, वही चार पंक्तियाँ मुझे कंधा देंगी।
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नमस्ते!
गीत
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Born on 27th November 1977 in Mumbai, Geet Chaturvedi is one of the most widely read contemporary literary authors in Hindi. He has published eleven books including two collections of novellas and three collections of poems. His books ‘Nyoonatam Main’ and ‘Khushiyon Ke Guptchar’ are included in the bestselling lists even though they are hardcore literary poems. His celebrated essays on literature, cinema and music are collected in ‘Table Lamp’ and ‘Adhuri Cheezon Ka Devta’. He is also a lyricist, screenwriter, critic and editor.
कविता के लिए गीत को भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, स्पंदन कृति सम्मान, वाग्धारा नवरत्न सम्मान तथा गल्प के लिए कृष्णप्रताप कथा सम्मान, शैलेश मटियानी कथा सम्मान, कृष्ण बलदेव वैद फेलोशिप और सैयद हैदर रज़ा फेलोशिप मिल चुके हैं। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ सहित कई प्रकाशन संस्थानों ने उन्हें भारतीय भाषाओं के सर्वश्रेष्ठ लेखकों में शुमार किया है।
गीत चतुर्वेदी की रचनाएँ देश-दुनिया की 22 भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। उनकी कविताओं के अंग्रेज़ी अनुवाद का संग्रह ‘द मेमरी ऑफ़ नाउ’ 2019 में अमेरिका से प्रकाशित हुआ। उनके नॉवेला ‘सिमसिम’ के अंग्रेज़ी अनुवाद को (अनुवादक अनिता गोपालन) ‘पेन अमेरिका’ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित ‘पेन-हैम ट्रांसलेशन ग्रांट’ अवार्ड किया है। गीत इन दिनों भोपाल रहते हैं।
- गीत की पहली रचना बच्चों के लिए लिखी गई एक कहानी थी, जोकि मुंबई से प्रकाशित
बालपत्रिका ‘टिंकल’ में छपी थी। तब गीत की उम्र 13 वर्ष थी।
- गीत की पहली साहित्यिक कविता जनसत्ता, मुंबई में प्रकाशित हुई थी। तब उनकी उम्र 17 वर्ष थी।
- गीत ने 20 साल की उम्र से अनुवाद-कर्म शुरू किया। उनका पहला साहित्यिक अनुवाद स्पैनिश
भाषा के महान कवि पाब्लो नेरूदा के दुर्लभ लेखों का था, हालाँकि उन्होंने ये अनुवाद अंग्रेज़ी के
ज़रिए किए थे। ये अनुवाद एक सीरीज़ की तरह प्रसिद्ध साहित्यिक पत्रिका ‘पहल’ के तीन अंकों में
छपे थे।
- गीत का पहला कविता संग्रह 2010 में छपा- ‘आलाप में गिरह’ (राजकमल प्रकाशन)
- उसी बरस लंबी कहानियों की दो किताबें ‘सावंत आण्टी की लड़कियाँ’ और ‘पिंक स्लिप डैडी’
प्रकाशित हुए। (दोनों राजकमल प्रकाशन)
- 2012 में गीत ने अपने मैग्नम ओपस ‘रानीखेत एक्सप्रेस’ की घोषणा की, विभिन्न पत्रिकाओं में इस
उपन्यास के आठ अंश प्रकाशित हुए। इंडिया टुडे सहित कई पत्रिकाओं ने इसे हिन्दी के बहुप्रतीक्षित
उपन्यासों की सूची में रखा। गीत अभी भी इस उपन्यास पर काम कर रहे हैं।
- 2017 में गीत का दूसरा कविता संग्रह - ‘न्यूनतम मैं’ (राजकमल प्रकाशन)
- 2018 में निबंधों की पहली किताब – ‘टेबल लैम्प’ (राजकमल प्रकाशन)
- 2019 में तीसरा कविता संग्रह - ‘ख़ुशियों के गुप्तचर’ (रुख़ पब्लिकेशन्स)
- 2019 में अमेरिका में गीत की पहली किताब छपी। अंग्रेज़ी अनुवाद में उनकी कविताओं का संग्रह –
‘द मेमरी ऑफ़ नाउ’, अनुवादक : अनिता गोपालन (एनॉमलस प्रेस)
- 2020 में गीत ने नवभारत टाइम्स के लिए मायथॉलजी पर आधारित उपन्यास ‘रुद्र’ का धारावाहिक लेखन किया।
- 2021 में निबंधों की दूसरी किताब – ‘अधूरी चीज़ों का देवता’ (रुख़ पब्लिकेशन्स)
- गीत को उनके जीवन का पहला पुरस्कार 2007 में मिला, जोकि प्रतिष्ठित भारत भूषण अग्रवाल
पुरस्कार था।
- इंडियन एक्सप्रेस ने 2011 में उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ दस लेखकों की सूची में शामिल किया।
- 2015 में गीत को ‘पिंक स्लिप डैडी’ के लिए कृष्ण प्रताप कथा सम्मान दिया गया।
- 2016 में गीत के नॉवेला ‘सिमसिम’ के अंग्रेज़ी अनुवाद पर उनकी अनुवादक अनिता गोपालन को
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पेन-हैम ट्रांसलेशन ग्रांट अवार्ड किया गया।
- 2017 में गीत का दूसरा कविता संग्रह ‘न्यूनतम मैं’ लंबे समय तक के लिए दैनिक जागरण
बेस्टसेलर सूची में बना रहा।
- 2018 में नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, फेमिना पत्रिका सहित कई प्रकाशन संस्थानों ने
‘न्यूनतम मैं’ को वर्ष की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों में शामिल किया।
- 2018 में गीत को ‘पिंक स्लिप डैडी’ के लिए शैलेश मटियानी कथा सम्मान दिया गया।
- 2019 में अमेरिका में प्रकाशन के तीन महीने में ही गीत का कविता संग्रह ‘द मेमरी ऑफ नाउ’
स्मॉल पब्लिशर्स असोसिएशन की बेस्टसेलिंग सूची में शामिल हुआ।
- 2019 में गीत को फिक्शन-लेखन के लिए प्रतिष्ठित कृष्ण बलदैव वैद फेलोशिप दी गई।
- 2019 में गीत को उपन्यास-लेखन के लिए प्रतिष्ठित सैयद हैदर रज़ा फेलोशिप दी गई।
- 2020 में गीत को कविता के लिए वाग्धारा नवरत्न सम्मान दिया गया।
- 2020 में ‘न्यूनतम मैं’ कविता संग्रह के लिए गीत को प्रतिष्ठित स्पंदन कृति सम्मान दिया गया।
- 2018 में नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, फेमिना पत्रिका सहित कई प्रकाशन संस्थानों ने
‘न्यूनतम मैं’ को वर्ष की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों में शामिल किया।
- छह अमेरिकी विश्वविद्यालयों ने अपने विभिन्न प्रकाशनों में गीत की रचनाओं को स्थान दिया है।
अंग्रेज़ी में ये सारे अनुवाद अनिता गोपालन द्वारा किए गए हैं।
- गीत की रचनाओं का अनुवाद देश-दुनिया की 22 भाषाओं में हो चुका है।