

Recent Posts

लास्लो क्रस्नाहोरकाई : मैं बीस पेज लम्बे वाक्य क्यों लिखता हूँ?
आज मुझे अंतर्राष्ट्रीय सम्मान और स्वीकृति मिल रही है, इसका कारण सिर्फ़ मेरा लेखन नहीं है, बल्कि असली श्रेय तो उन अनुवादकों को है, जिन्होंने

गुंटर ग्रास : जब मैं हिटलर के साथ था
मेरा बचपन एक झटके से ख़त्म हुआ था। तब मैं बारह साल का था। जिस शहर में मैं रहता था, उसके कई हिस्सों में युद्ध

बेन ओकरी : कविता के बारे में कुछ ज़रूरी बातें
ईश्वर जानता है कि किसी भी समय के मुकाबले हमें कविता की ज़रूरत आज कहीं ज़्यादा है। हमें कविता से प्राप्त होने वाले दुष्कर सत्य

पाब्लो नेरूदा – 2 : मेरी पहली कविता
दुनिया मुझे पाब्लो नेरूदा के नाम से जानती है, लेकिन घरवालों ने स्पैनिश परंपरा के अनुकूल मेरा लंबा-सा नाम रखा था- नेफ्ताली रिकार्दो रेयेस बासोआल्तो। जब मैंने कविताएं लिखनी शुरू कीं, तो मैंने अपना नाम पाब्लो नेरूदा रख लिया।

पाब्लो नेरूदा – 1 : मेरा जीवन, मेरे संघर्ष
दुनिया मुझे पाब्लो नेरूदा के नाम से जानती है, लेकिन घरवालों ने स्पैनिश परंपरा के अनुकूल मेरा लंबा-सा नाम रखा था- नेफ्ताली रिकार्दो रेयेस बासोआल्तो। जब मैंने कविताएं लिखनी शुरू कीं, तो मैंने अपना नाम पाब्लो नेरूदा रख लिया।
Recent Posts

हारुकि मुराकामी : कोई लेखक मेरा दोस्त नहीं
न तो मैं कोई बहुत बुद्धिमान व्यक्ति हूँ और न ही आक्रामक। मैं ठीक उन्हीं लोगों जैसा हूँ, जो मेरी किताबें पढ़ते हैं। मैं एक

ओरहान पामुक – 3 : मेरी घड़ी की कहानी
मैंने अपनी कलाई पर घड़ी बाँधना 1965 में शुरू किया, जब मेरी उम्र 12 साल थी। पर पाँच साल बाद ही मैंने उसे त्याग दिया।

ओरहान पामुक – 2 : मैं स्कूल नहीं जा रही
मैं स्कूल नहीं जा रही, क्योंकि मुझे नींद आ रही, मुझे सर्दी है और स्कूल में कोई मुझे पसंद नहीं करता। मैं स्कूल नहीं जाऊँगी

ओरहान पामुक – 1 : जिस दिन पिता नहीं रहे…
उस रात मैं देर से घर पहुँचा था। पता चला, पिताजी की मृत्यु हो गई है। क़रीब दो बजे रात मैं उनके कमरे में गया,

लास्लो क्रस्नाहोरकाई : मैं बीस पेज लम्बे वाक्य क्यों लिखता हूँ?
आज मुझे अंतर्राष्ट्रीय सम्मान और स्वीकृति मिल रही है, इसका कारण सिर्फ़ मेरा लेखन नहीं है, बल्कि असली श्रेय तो उन अनुवादकों को है, जिन्होंने

गुंटर ग्रास : जब मैं हिटलर के साथ था
मेरा बचपन एक झटके से ख़त्म हुआ था। तब मैं बारह साल का था। जिस शहर में मैं रहता था, उसके कई हिस्सों में युद्ध

बेन ओकरी : कविता के बारे में कुछ ज़रूरी बातें
ईश्वर जानता है कि किसी भी समय के मुकाबले हमें कविता की ज़रूरत आज कहीं ज़्यादा है। हमें कविता से प्राप्त होने वाले दुष्कर सत्य