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इल्या कामिन्स्की की कविता
और जब वे दूसरों के घरों पर बम बरसा रहे थे,हमने विरोध तो किया, लेकिन पर्याप्त नहीं.हमने उनका विरोध किया, लेकिन पर्याप्त नहीं.मैं अपने बिस्तर

नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में ‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ का मंचन
नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा (एनएसडी) ने मेरी कथा-पुस्तक ‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ को एक नाटक में रूपांतरित किया है। आसिफ़ अली द्वारा निर्देशित और एनएसडी

The Amphibian in the Columbia Journal
A beautiful and thoughtful translation by Anita Gopalan of a section from my long poem ‘The Amphibian’ is in the Columbia Journal, housed at Columbia University.

अमोस ओज़ : बड़ा होकर एक किताब बनूँगा
हमारे पास सिर्फ़ एक ही चीज़ इफ़रात में थी, और वह थी- किताबें। हर जगह किताबें। दीवारों पर। दरीचों पर। गलियारे में। रसोई में। घर

ख़ाइमे साबिनेस (Jaime Sabines) की कविताएँ
ख़ाइमे साबिनेस (Jaime Sabines,1926-1999) मेक्सिको के कवि थे। नोबेल पुरस्कार विजेता कवि ओक्तावियो पास (Octavio Paz) उन्हें ‘स्पैनिश भाषा के सर्वश्रेष्ठ समकालीन कवियों में से

एडम ज़गाएव्स्की : युवा कवियो, सब कुछ पढ़ियो
यह कहते मुझे कम से कम, एक ख़तरा तो महसूस हो ही रहा है। पढ़ने के तरीक़ों पर बात करते समय, या एक अच्छे पाठक

पॉल ऑस्टर : मकान नहीं छोड़ा, देह छोड़ दी
तीन हफ्ते पहले मुझे अपने पिता की मृत्यु की ख़बर मिली। पिता के पास कुछ नहीं था। बीवी नहीं थी, कोई ऐसा परिवार नहीं था

एलिफ़ शफ़क : सामान कम होगा, तो थकान कम होगी
सबकुछ व्यवस्थित हो, और एक ख़ास क़िस्म का मौन भी हो, यह मुझे परेशान करने के लिए काफ़ी है। बरसों तक एक ही मकान में

गार्सीया मारकेस : साहित्य से प्यार करने वाला चोर
वे मेरे लेखन के शुरुआती दिन थे। उस समय मैं जो तरीक़ा अपनाता था, आज के तरीक़े से एकदम अलग था। मैं अख़बार में काम
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इल्या कामिन्स्की की कविता
और जब वे दूसरों के घरों पर बम बरसा रहे थे,हमने विरोध तो किया, लेकिन पर्याप्त नहीं.हमने उनका विरोध किया, लेकिन पर्याप्त नहीं.मैं अपने बिस्तर

नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में ‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ का मंचन
नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा (एनएसडी) ने मेरी कथा-पुस्तक ‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ को एक नाटक में रूपांतरित किया है। आसिफ़ अली द्वारा निर्देशित और एनएसडी

The Amphibian in the Columbia Journal
A beautiful and thoughtful translation by Anita Gopalan of a section from my long poem ‘The Amphibian’ is in the Columbia Journal, housed at Columbia University.

अमोस ओज़ : बड़ा होकर एक किताब बनूँगा
हमारे पास सिर्फ़ एक ही चीज़ इफ़रात में थी, और वह थी- किताबें। हर जगह किताबें। दीवारों पर। दरीचों पर। गलियारे में। रसोई में। घर

ख़ाइमे साबिनेस (Jaime Sabines) की कविताएँ
ख़ाइमे साबिनेस (Jaime Sabines,1926-1999) मेक्सिको के कवि थे। नोबेल पुरस्कार विजेता कवि ओक्तावियो पास (Octavio Paz) उन्हें ‘स्पैनिश भाषा के सर्वश्रेष्ठ समकालीन कवियों में से

एडम ज़गाएव्स्की : युवा कवियो, सब कुछ पढ़ियो
यह कहते मुझे कम से कम, एक ख़तरा तो महसूस हो ही रहा है। पढ़ने के तरीक़ों पर बात करते समय, या एक अच्छे पाठक

पॉल ऑस्टर : मकान नहीं छोड़ा, देह छोड़ दी
तीन हफ्ते पहले मुझे अपने पिता की मृत्यु की ख़बर मिली। पिता के पास कुछ नहीं था। बीवी नहीं थी, कोई ऐसा परिवार नहीं था